सोल्डरिग

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सोल्डरिग
1.सोल्डरीग – एल्युमिनियम ताम्र  2.ब्रेजींग – स्वर्ण कार                                                             .                  इसमे जिस धातू की सोल्डर कर रहे है वो नही पिघलती है !
3.बेल्डिग – धातु पिघलती है     बिट ताबे की बनी होती है !इलेक्ट्रॉनिक्स कार्यो में टाके लागाने के लिए ज्यादा सोल्डर का उपयोग किया जाता है !                                    इलेक्ट्रॉनिक्स की प्लेट = फाईबर की बनी होती है   
Ø सोल्डर निम्न धातुओ से बना होता है ! = टिन+लेड+कॉपर+एल्युमिनियम
Ø फ्लक्स दो प्रकार के होते है –                                                                      1.रेजिन – एल्युमिनियम पर टांका लगाने की लिए उपयोग किया जाता है !                 2.ब्रांज – (आयरन) – ताबे पर टांका लगाने के लिय उपयोग किया जाता है
Ø सोल्डरिग की आवशयकता :- वेधुतिक परिपथो में चालकता का मान बढाने के लिए सोल्डरिग काम में ली जाती है ! इस विधी में सोल्डरिग उपयोग होता है ! सोल्डरिग आयरन हिटिग एलिमेट – नाइक्रोम व इसकी आगे की नोक या बीट ताबे की बनी होती है ! सोल्डरिग आयरन में उपयोग होने वाली धातु (टिन + लेड ) मिश्रण ककी धातु होती है लेड की मात्रा जितनी अधिक होगी तापमान उतना ही कम हो
Ø सोल्डरिग में उपयोग होने वाला फ्लक्स :- जोईंट पर या जोड़ पर आक्साइड की परत को मुक्त करने के लिए एक चूर्ण प्रकार का पेस्ट काम में लिया जाता है जिसे फ्लक्स कहते है !                                                फ्लक्स का उपयोग जोड़ पर पहले किया जाएगा बाद में एल्युमिनियम में जोड़ के लिए रेजिन काम में आता है              ब्रान्जा के उपयोग के लिए ताबा या आयरन किया जाता है !
इसकी वाट क्षमता 60W होती है
Ø ब्रेजिग :- स्वर्णकार द्वारा सोने व चांदी के टाँके लागाने के लिए ब्रेजिग विधि काम में ली जाती है इस विधि के ब्लू लैम्प काम में आता है पीतल के टाँके के बीच में शामील होते है !
Note – चालकता का मान बढाने के लिए सोल्डरिग की जाती है !
Note – सोल्डरिग व ब्रेजिग में धातु नही पिघलती है सोल्डर पिघलता है !
Ø बेल्डिग : - धातु की चादरो को जोड़ने के लिए बेल्डिग विधि काम में ली जाती है ! इस विधि में आर्क रोड के द्वारा उच्च करंट के बीच धातु पर आर्क बनायी जाती है जिसे धातु की दोनों सीटे आपस में पिघलकर ज्वाईंट बना लेती है धातु की मोटाई जितनी ही उच्च होगी उतना ही जोड़ कम होगा !
v सुपर कंडक्टर में प्रतिरोध = शून्य
v सुपर कंडक्टर में चालकता = अनन्त
v सुपर कंडक्टर में उष्मा = शून्य
v लम्बाई की मूल SI इकाई =मीटर


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